Bihar Board Class 10th History Chapter 5 | अर्थ-व्यवस्था और आजीविका
किसी भी राष्ट्रीय अर्थ-व्यवस्था का मूल आधार कृषि एवं उद्योग होता है, जिस पर लोगों की आजीविका निर्भर करती है। आधुनिक युग में कृषि की तुलना में उद्योगों का महत्व बहुत अधिक बढ़ा है और देश की अर्थव्यवस्था में इनके योगदान में भी समानुपातिक वृद्धि हुई है।
अठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में ब्रिटेन विश्व का पहला देश बना, जहाँ कृषि क्षेत्र एवं उद्योग जगत में मशीनीकरण प्रारंभ हुआ और औद्योगीकरण के एक नये युग का सूत्रपात हुआ। इस अध्याय के महत्वपूर्ण प्रश्न नीचे दिए गए हैं।
H.G Q.1. औधोगिकरण के कारण की व्याख्या करें?
H.G Q.2. औधोगिकरण के परिणाम को बतावे?
(ii) कुटीर उद्योग का पतन
(iii) साम्राज्यवाद का विकास
(ⅳ) समाज में वर्ग विभाजन
(v) बुर्जुआ वर्ग का उदय
(vii) स्लम पद्धति की शुरुआत
V.V.I Q.3. फैक्ट्री प्रणाली के विकास के किन्ही दो कारणों को बतावे?
H.G Q.4. बुर्जुआ वर्ग की उत्पत्ति कैसे हुई?
उत्तर- फैक्ट्री प्रणाली के परिणामस्वरूप बुर्जुआ वर्ग की उत्पत्ति हुई थी जिसमें समाज के पढ़े-लिखें लोग शामिल थे। जैसे- मुंशी, किरानी, कर्मचारी इत्यादि।
V.V.I Q.5. अठारवीं (18) शताब्दी में भारत के मुख्य उद्योग कौन - कौन से थे?
उत्तर- 18वीं शताब्दी में भारत के मुख्य उद्योग में कपड़ा उद्योग, तंबाकू उद्योग, कंबल उद्योग, जूट उद्योग इत्यादि शामिल थे।
H.G Q.6. स्लम पद्धति की शुरुआत कैसे हुई थी?
उत्तर- कारखानेदारी प्रथा के विकास ने स्लम पद्धति को जन्म दिया था शहर में स्थित कारखानों में काम करने के लिए श्रमिक गाँव - घर छोड़कर शहर में आकर बसने लगे वहाँ उनके आवास की समुचित व्यवस्था नहीं थी उन्हें छोटे-छोटे घरो में रहना पड़ता था मजदूरों द्वारा फैलाई गई गंदगी से तरह-तरह की बीमारियाँ फैलने लगी मजदूर रोगों का शिकार होने लगे यह सब स्लम पद्धति की शुरुआत को दर्शाती है।
V.V.I Q.7. निरुद्योगीकरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर- उद्योग का बंद होना या उद्योग में उत्पाद नहीं होना निरुधोगीकरण कहलाता है।
H.G Q.8. औद्योगिक आयोग की नियुक्ति कब हुई थी इसके क्या उद्देश्य थे ?
उत्तर- औधोगिक आयोग की नियुक्ति 1916 ई० में हुई थी इसके उद्देश्य थे कि उद्योग एवं व्यापार के भारतीय वित्त से संबंधित प्रयासों के लिए उन क्षेत्रों का पता लगाना जिसमें सरकार द्वारा सहायता प्रदान कि जा सके।
H.G Q.9. लैसेज फेयर क्या है?
उत्तर- किसी सरकार द्वारा देश के किसी निजी आर्थिक क्रिया में हस्तक्षेप न करना लैसेज फेयर कहलाता है।
V.V.I Q.10. औद्योगीकरण ने मजदूरों की आजीविका को किस तरह प्रभावित किया ।
उत्तर- औधोगीकरण ने मजदूरों की आजीविका को काफी हद तक प्रभावित किया शहरों या जहाँ भी कारखाने लगाये गए वहाँ प्रचार किया गया कि कारखाने में काम करनेवाले मजदूरों का आरामदायक जीवन एवं नगद पैसा दिया जाएगा लेकिन वहाँ उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं थी उन्हें स्लम जगहो पर रहना पड़ता था।
V.V.I Q.11. कोयला एवं लौह उद्योगों में औद्योगीकरण को गति प्रदान कैसे कि गई?
उत्तर- कोयला मशीनों को चलाने एवं लौह मशीनों के निर्माण के लिए आवश्यक है इसलिए इंगलैंड एवं भारत दोनों जगहों पर इनका विकास तेजी से हुआ जिससे औधोगिकरण को गति मिला।
H.G Q.12. कुटिर उद्योग के महत्व एवं उनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाले?
उत्तर- कल-कारखाने की स्थापना के बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था में कुटिर उद्योग का महत्व बना रहा 1905 ई० में बंग-भंग एवं स्वदेशी आंदोलनों ने कुटीर उद्योग को पुनः जीवित कर दिया । गाँधी जी के प्रयासो से घर-घर चरखा का महत्व बढ़ गया एवं खादी वस्त्र का उपयोग अधिक होने लगा क्षेत्रीय स्तर पर आर्थिक जीवन में कुटिर उद्योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहें।
H.G Q.13. न्युनतम मजदूरी कानून कब पारित हुआ और इसके क्या उद्देश्य थे ?
उत्तर- न्यूनतम मजदूरी कानून सन् 1948 ई. में पारित हुआ था इसके उद्देश्य निम्न है:-
V.V.I Q.14. उपनिवेशवाद से आप क्या समझते है? औद्योगिकरण ने उपनिवेशवाद को जन्म दिया कैसे।
उत्तर- बड़े शक्तिशाली देश जब किसी छोटे देश पर शासन करता है और उसके सारे आर्थिक एवं व्यावसायिक कार्य का संपादन करता है तो छोटे देश को बड़े देश का उपनिवेशवाद कहा जाता है।
औधोगों को चलाने के लिए सस्ते श्रम एवं कच्ची समाग्री की आवश्यकता पड़ती है जो देश के बाहर उपनिवेशवाद को फैलाने में मदद करता है।
H.G Q.15. औधोगिकरण से आप क्या समझते है?
उत्तर- औधोगीकरण ऐसी प्रक्रिया थी जिसमें उत्पादन की पद्धति को बदल दिया 18वीं शताब्दी से उत्पादन की नई तकनीकी और मशीनों का व्यवहार आरंभ हो गया, मानव श्रम के स्थान पर मशीन उत्पादन का काम करने लगी उत्पादन की यह नई प्रक्रिया औधोगीकरण कहलाती है।
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