Bihar Board class 10th history chapter 2 | समाजवाद एवं साम्यवाद
समाजवाद एक ऐसी विचारधारा है जिसने आधुनिक काल में समाज को एक नया आवाम दिया। उन्नीसवीं शताब्दी में औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप समाज में पूँजीपति वर्गों द्वारा मजदूरों का लगातार शोषण अपने चरमोत्कर्ष पर था।
उन्हें इस शोषण के विरुद्ध आवाज उठाने तथा वर्ग विहीन समाज की स्थापना करने में समाजवादी विचारधारा ने अग्रणी भूमिका अदा की। समाजवाद उत्पादन में मुख्यतः निजी स्वामित्व की जगह सामूहिक स्वामित्व या धन के समान वितरण पर जोर देता है। यह एक शोषण उन्मुक्त समाज की स्थापना चाहता है।
अतः समाजवादी व्यवस्था एक ऐसी अर्थव्यवस्था है जिसके अन्तर्गत उत्पादन के सभी साधनों, कारखानों तथा विपणन में सरकार का एकाधिकार हो। ऐसी व्यवस्था में उत्पादन निजी लाभ के लिए न होकर सारे समाज के लिए होता है।
H.G Q.1. खूनी रविवार क्या है?
उत्तर- जब रूस और जापान में युद्ध हुआ तो रूस बुरी तरह पराजित हो गया और उसकी महानता का भ्रम टूट गया इस कारण 1905 ई. में रूस में क्रांति की लहर हौड़ गई इसी बीच 9 जनवरी 1905 ई. को लोगों का समूह 'रोटी दो' नारा लगाते रहें थे हुए सेंट पीटर्सवर्ग स्थित राजमहल की ओर जा रहे थे लेकिन जार की सेना ने निहत्य लोगों पर गोलियाँ बरसाना शुरू कर दिया जिसमें हजारों लोग मारे गये यह घटना रविवार के दिन हुआ इसलिए इसे खूनी रविवार कहते है।
H.G Q.2. अक्टूबर क्रांति किसे कहते हैं?
उत्तर- जब लेनिन रुस लौटकर आया तो वहाँ करेन्सकी की सरकार थी जिसे हटाने के लिए लेनिन ने आंदोलन शुरु किया इस आंदोलन में रूस की जनता के साथ सेना भी आगे बढ़े इस इन सबों ने मिलकर रेलवे स्टेशन, बैंक, डाकघर इत्यादि सरकारी संस्थान पर अधिकार कर लिया यह सब देखकर करेन्सकी रूस छोड़कर भाग और क्रांति सफल हो गई इसे ही अक्टूबर क्रांति या बोल्शोविक क्रांति कहते हैं।
V.V.I Q.3. पूंजीवाद क्या है?
उत्तर- पूंजीवाद एक ऐसी अर्थव्यवस्था है जिसके अंतर्गत उत्पादन के सभी साधनों पर पूंजीपतियों का अधिकार होता हैं।
H.G Q.4. सर्वहारा वर्ग किसे कहते हैं?
उत्तर- समाज का वैसा वर्ग जिसे अपना कहने के लिए कोई भी संपत्ति न हो इसमें किसान, मजदूर एवं आम गरीब लोग शामिल होते है।
V.V.I Q.5. क्रांति से पूर्व रुसी किसानों की स्थिति कैसी थी?
उत्तर- क्रांति से पूर्व रूसी किसानों की स्थिति दयनीय थी उन्हें कर देना पड़ता था खेत छोटे-छोटे टुकड़ों में विभाजित था जिस पर खेती सही तरीकों से नहीं कि जा सकती थी कृषि के तकनीक पुराने थे।
H.G Q.6. यूटोपियन समाजवादियों के विचारों का वर्णन करें?
उत्तर- (i) सेंट साइमन :- यह एक फ्रांसीसी विचारक था उसका मानना था कि राज्य एवं समाज को इस ढंग से संगठित करना चाहिए कि लोग एक दूसरे का शोषण करने के बदले मिलजुल कर प्रकृति का दोहन करें। उन्होनें एक नारा भी दिया ‘प्रत्येक को उनकी क्षमता के अनुसार एवं प्रत्येक को उसके कार्य के अनुसार’।
(ii) चार्ल्स फूरियर :- चार्ल्स फूरियर औद्योगिकीकरण का विरोधी या उसकी मान्यता थी कि श्रमिकों को बड़े कारखानों में काम करने के बदले छोटे नगरों एवं कस्बों में काम करना चाहिए इससे पूँजीपत्ती उनका शोषण नहीं कर पाएंगे। किसानों की स्थिति में भी सुधार लाना चाहते थे।
(iii) रॉबर्ट ओवेन :- इंगलैंड में सामाजवाद का प्रवर्तक रॉबर्ट ओवेन का मानना है इंगलैंड में कारखानेदारी व्यवस्था के कारण श्रमिकों का शोषण किया था इसे रोकने के लिए राबर्ट ओवेन ने आदर्श समाज की स्थापना कि।
H.G Q.7. रुसी क्रांति के कारण की व्याख्या करें? या 1917 ई. के बोल्शेविक क्रांति के कारण को बताइए।
उत्तर-
- जार की निरंकुश्ता एवं आरोग्य शासन
- कृषकों की दयनीय स्थिति
- मजदूरों की दयनीय स्थिति
- औद्योगीकरण की समस्या
- रुसीकरण की नीति
- विदेशी घटनाओं का प्रभाव
H.G Q.8. रूसी क्रांति के प्रभाव की चर्चा करें?
उत्तर-
- अब पूँजीवादी देश कहलाने में भी स्वयं को साम्यवादि देश कहलाने में गौरव का अनुभव करने लगे।
- क्रांति सफल होने के बाद पूर्णतः सर्वहारा : वर्ग का शासन स्थापित हो गया।
- शीतयुद्ध स्पष्ट रूप से देखा जाने लगा
- एशिया और अफ्रिका जैसे गुलाम देशों में भी स्वतंत्रता के लिए आंदोलन तेज हो गए इत्यादि।
H.G Q.9. कार्ल मार्क्स की जीवनी लिखे?
उत्तर- कार्ल मार्क्स का जन्म 5 मई 1818.ई. में जर्मनी के राइन प्रांत के ट्रियर नामक नगर में एक यहुदी परिवार में हुआ था उसके पिता हेनरिक मार्क्स एक प्रसिद्ध वकिल थे जिन्होंने बाद में चलकर इसाई धर्म अपना लिया मार्क्स ने बोन विश्वविद्यालय से विधि की शिक्षा ग्रहण किया। 1843 ई०. में उसने अपने बचपन के मित्र जेनी से विवाह किया विवाह के बाद वह पेरिस चले गए जहाँ उनकी भेंट फ्रेडरिक एंगेल्स से हुई उन दोनों ने मिलकर साम्यवादी घोषणा पत्र का प्रकाशन किया मार्क्स ने अपनी विख्यात पुस्तक 'दास कैपिटल' का प्रकाशन किया उनकी मृत्यु 1883 ई० में हुई थी।
H.G Q.10. कार्ल मार्क्स का सिंद्धांत को लिखें?
उत्तर- कार्ल मार्क्स के सिद्धांत है:-
- द्वंद्वात्मक भौतिकवाद का सिंद्धात
- वर्ग - संघर्ष का सिद्धांत
- इतिहास की भौतिकवादी व्याख्या
- मूल्य एवं अतिरिक्त मूल्य का सिद्धांत
- राज्यहीन एवं वर्गहीन समाज की स्थापना
H.G Q.11. नई आर्थिक नीति (NEP) क्या है?
उत्तर- NEP का पूर्ण नाम है न्यू ऐकॉनोमिक पॉलिश है इसे लेनिन ने 1921 ई. में लागू किया था इसमें निम्न बाते कहीं गई थी।
- बचा हुआ अनाज किसान का है और वह इसका मनचाहा इस्तेमाल कर सकता है।
- जमीन राज्य कि है लेकिन व्यवहार किसान कर सकते है।
- विभिन्न स्तरों पर बैंक खोले गए ।
- जीवन बीमा शुरु कि गई।
- 20 से कम कर्मचारी उद्योग चला सकते हैं।
- विदेशी पूँजी को आमंत्रित किया गया इत्यादि।
V.V.I Q.12. लेनिन के कार्य बतावें?
V.V.I Q.13. रुसीकरण की नीति क्रांति हेतु कहाँ तक उत्तरदायी थी?
उत्तर- रूस में अनेक जाति, धर्म के लोग रहते थे जिसमें फिन, जर्मनी, यहुदी इत्यादि थे। प्रत्येक जाति अलग अलग भाषाओं का उपयोग करते थे लेकिन जार निकोल्स ने इन लोगों पर रूसी भाषा बोलने के लिए दवाब बनाया जिससे छोटी जाति के लोगों में निराशा फैलने लगी पोल जाति ने तो जार के विरुद्ध आंदोलन शुरू कर दिया लेकिन जार निकोलस ने सारे पोल जाति को हमेशा के लिए दबा दिया इस प्रकार रुसी- करन की नीति क्रांति को धीरे-धीरे आगे बढ़ाया।
V.V.I Q.14. साम्यवाद एक नई आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था थी कैसे ?
उत्तर- 1917 ई. की बोल्शोविक क्रांति के पहले रूस में पूंजीवादी व्यवस्था फैली हुई थी उत्पादन के साधन पर किसी एक व्यक्ति का अधिकार होता था। लेकिन क्रांति के सफल होने के बाद रूस में साम्यवादी व्यवस्था कायम हो गई श्रमिकों को श्रम के अनुसार पैसा दिया जाता था इससे उत्पादन बढ़ने लगा और पूरे रूस में आर्थिक एवं सामाजिक व्यवस्था सुदृढ़ हो गई।
V.V.I Q.15. नई आर्थिक नीति मार्क्सवादी सिद्धांतों के साथ समझौता था कैसे?
उत्तर- लेनिन के मार्क्सवादी सिद्धांत लागू होने से जनता खुश नहीं थी किसान अनाज सरकार को देने के बजाय उसे जला देना ही बेहतर समझते थे। इससे बचने के लिए लेनिन ने NEP लागू किया जिसके अनुसार श्रमिकों को अनाज बेचने का अधिकार दिया गया। 20 से कम कर्मचारी उद्योग चला सकते थे लेनी ने आर्थिक नीति में मार्क्सवादी सिद्धांत से कुछ समझौता किया जिससे रूस की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ।
V.V.I Q.16. प्रथम विश्व युद्ध में रूस की पराज्य क्रांति हेतु मार्ग प्रशस्त किया कैसे?
उत्तर- रूस में क्रांति का मार्ग प्रशस्त करने में केवल प्रथमविश्वयुद्ध में पराज्य ही नहीं था बल्कि कुछ अन्य कारण भी थे। लेनिन ने क्रांति के बाद स्वयं युद्ध से हाथ खींच लिया था और अपने सैनिकों को वापस बुला लिया था। वास्तव में क्रांति की जमीन पहले से ही तैयार हो रही थी 1805 ई० में रूस का जापान से हार जाना, खुनी रविवार, देश मै फैल रही गरीबी इत्यादि ।
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