Bihar Board Class 10th Political Science Chapter 3
पिछले अध्यायों में इस तथ्य की विवेचना की गई कि लोकतंत्र में सत्ता विभाजन क्यों आवश्यक है ? हमने इसका भी विश्लेषण किया कि इस व्यवस्था में सरकार के भिन्न-भिन्न अंग तथा विभिन्न सामाजिक समूह सत्ता में भागीदारी कैसे करते हैं ? इस अध्याय में हम विवेचना करेंगे कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सत्ता के शीर्ष बिन्दु पर बैठने वाला व्यक्ति ऐसा स्वतंत्र नहीं है कि वह मनमानी करता रहे । सत्ताधारी किसी भी स्थिति में अपने ऊपर पड़नेवाले प्रभावों एवं दवाबों से अलग नहीं हो सकते । लोकतांत्रिक व्यवस्था एक ऐसी आदर्श व्यवस्था है जिसके अंतर्गत समाज में रहनेवाले विभिन्न व्यक्ति के पारस्परिक हितों में टकराव चलता रहता है ।
H.G Q.1. ताड़ी - विरोधी आन्दोलन से आप क्या समझते है?
उत्तर- ताड़ी - विरोधी आंदोलन 1992 ई० में सितम्बर, अक्टूबर महीने में शुरू हुआ था यह आंदोलन आंध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले में दुबरगंटा गाँव में हुआ था यह आंदोलन महिलाओं के द्वारा चलाया था क्योकिं ग्रामीण पुरुष ताड़ी के लत के कारण शारिरीक एवं मानसिक रूप से कमजोर हो गए थे और वे घर के कामों में सहयोग नहीं करते थे इसी कारण महिलाओं ने यह आंदोलन शुरू किया धीरे-धीरे महिलाओं की संख्या 5000 तक पहुँच गई और यह आंदोलन सफल रहा।
H.G Q.2. राजनीतिक दल के कार्य बतावे?
H.G Q.3. भारतीय किसान यूनियन आंदोलन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- भारतीय किसान यूनियन के लिडर महेन्द्र सिंह टिकैत तथा समायोजन समिति के अध्यक्ष एस० युद्धी वीर सिंह थे इसमें किसानों को अत्याचार से बचाने के लिए कदम उठाये जाते थे।
H.G Q.4. भारतीय किसान यूनियन की मुख्य मांगे क्या थी?
H.G Q.5. सूचना का अधिकार आंदोलन से आप क्या समझते है?
उत्तर- सन् 1990 ई० में राजस्थान के एक अति पिछड़े क्षेत्र भीम तहसील में यह आंदोलन शुरू हुई थी इसमें ग्रामीणों ने प्रशासन से वेतन के बिल की माँग कि क्योंकि उनको लगता था कि उनके भुगतान में धोखाधरी हो रही है।
H.G Q.6. स्वतंत्र राजनीतिक संगठन कौन होता है?
उत्तर- वैसा संगठन जो किसी देश के दवाब में नहीं चलता है वह किसी अन्य दल से गठबंधन नहीं करता है वह अकेले चुनाव लड़ता है और बहुमत मिलने पर सरकार भी बनता है।
V.V.I Q.7. राष्ट्रीय राजनीतिक दल से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- वैसा राजनीतिक दल जिनका आस्तित्व पूरे देश में तथा राज्यों में भी होता है, उसे हम राष्ट्रीय राजनीतिक दल कहते है।
V.V.I Q.8. किस आधार पर हम कह सकते है कि राजनीतिक दल जनता एवं सरकार के बीच कड़ी का काम करता है।
उत्तर- राजनीतिक दल जनता कि इच्छा सरकार को बताते है। सरकार के निर्णयों की जानकारी जनता को बताते है। ये काम वे गाँवो में या संसद में सभा का आयोजन करके करते हैं।
V.V.I Q.9. दुनिया में दलीय व्यवस्था के कितने रूप प्रचलित है।
H.G Q.10. राजनीतिक दल राष्ट्रीय विकास में किस प्रकार योगदान करते हैं?
उत्तर- किसी देश का का विकास उस देश के राजनीतिक दलों के कार्यकलापों पर निर्भर करता है जिस देश के राजनीतिक दल सही स्थिर तथा सुदृढ़ विचार को गले लगायें रहेंगे। उस राष्ट्र का विकास अवरुद्ध नहीं हो सकेंगे राजनीतिक दल ही जनता को राजनीतिक प्रशिक्षण देती है किसी राज्य के विकास के लिए जनता का जागरूक होना जरूरी है।
V.V.I Q.11. राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों की मान्यता कौन प्रदान करते है और इसके मापदंड क्या है?
उत्तर- राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनीतिक दलों की मान्यता चुनाव आयोग तय करते है राष्ट्रीय दल की मान्यता प्राप्त करने के लिए किसी दल की लोकसभा में कम से कम 4 सीटें पर जीतना आवश्यक है तथा इस प्रकार दल को चुनाव आयोग स्थायी चिन्ह प्रदान करती है।
V.V.I Q.12. राजनीतिक दलो को प्रभावशाली बनाने के उपाय बतावे?
V.V.I Q.13. भारत के राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दल की चर्चा करें?
H.G Q.14. किस आधार पर आप कह सकते हैं कि बिहार से शुरू हुआ 'छात्र आंदोलन' का स्वरुप राष्ट्रीय हो गया।
उत्तर- 1971 ई. के आम चुनाव में काँग्रेस ने 'गरीबी हटाओं' का नारा देकर लोकसभा में बहुमत प्राप्त कर केन्द्र सरकार बना ली । लेकिन 1971-72 के बाद के वर्षों में देश की समाजिक आर्थिक दशा में कोई सुधार नहीं हुआ। बांग्लादेश से आए शरणार्थियों के चलते अर्थव्यवस्था और लड़खड़ा गई बांग्लादेश की स्थापना के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत को हर तरह की सहायता पर पाबंदी लगा दिया 1972-73 ई. के मॉनसून की असफलता के चलते पूरे देश की कृषि को पैदावार में काफी कमी आई। इसी कारण बिहार के छात्रों ने सरकार के विरुद्ध आंदोलन शुरु किया और अपने नेता के रूप में जयप्रकाश नारायण को आमंत्रित किया।
जयप्रकाश नारायण छात्रों का निमंत्रण इस शर्त पर स्वीकार किया कि आंदोलन अहिंसक रहेगा और बिहार तक समिति नहीं रहेगा यह पूरे प्रदेश में फैलना चाहिए जयप्रकाश नारायण के निवेदन पर जीवन के हर क्षेत्र से संबंधित लोग इस आंदोलन में कूद पड़े देखते ही देखते यह आंदोलन पूरे भारत देश में फैल गई।
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