Bihar Board Class 10th Political Science Chapter 2 Summary
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Sunday, April 13, 2025 at 03:52:22 PM

Bihar Board Class 10th Political Science Chapter 2 Summary

भारत में सत्ता का बंटवारा एक संघीय प्रणाली के आधार पर किया गया है,...भारतीय संघीय व्यवस्था में संविधान की 7वीं अनुसूची के तीन भागों में - केंद्रीय....

भारत में सत्ता का बंटवारा एक संघीय प्रणाली के आधार पर किया गया है, जो केंद्र और राज्य सरकारों के बीच शक्तियों का विभाजन सुनिश्चित करती है। यह प्रणाली भारतीय संविधान द्वारा परिभाषित की गई है। इस पोस्ट में हम सत्ता में साझेदारी की कार्य प्रणाली, संघीय व्यवस्था, और संबंधित अन्य पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

1. संघीय व्यवस्था का गठन

संघीय व्यवस्था का गठन संविधान द्वारा किया गया है, जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों के बीच शक्तियों का स्पष्ट विभाजन किया गया है। भारतीय संघीय व्यवस्था में संविधान की सातवीं अनुसूची के तीन भागों में - केंद्रीय सूची, राज्य सूची और समवर्ती सूची में अधिकारों का वितरण किया गया है। इस प्रणाली के द्वारा भारत में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच शक्तियों का संतुलन बनाए रखा जाता है।

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2. भारत में संघवाद का विकास

भारत में संघवाद का विकास भारतीय संविधान के साथ हुआ। संविधान के निर्माण के समय केंद्र सरकार को अधिक शक्तियां दी गई थीं, लेकिन समय के साथ राज्यों को भी स्वायत्तता प्रदान की गई। यह विकास भारत में विभिन्न राज्यों और केंद्र सरकार के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंधों को सुनिश्चित करने में सहायक रहा है।

3. भारत में संघीय शासन व्यवस्था

भारत की संघीय व्यवस्था में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच अधिकारों का विभाजन किया गया है। इसमें केंद्र का प्रमुख उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा, और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का प्रबंधन करना है, जबकि राज्य सरकारों को क्षेत्रीय विकास, शिक्षा, और अन्य सामाजिक कल्याण कार्यों की जिम्मेदारी दी जाती है।

4. संघीय व्यवस्था का कार्यान्वयन

भारत में संघीय व्यवस्था का कार्यान्वयन संविधान द्वारा निर्धारित किया गया है, जिससे केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संतुलन बना रहता है। भारत के अलावा, कुछ अन्य देशों में भी संघीय व्यवस्था अपनाई जाती है, जैसे वेस्टइंडीज और नाइजीरिया। इन देशों की संघीय व्यवस्था में भी भारत जैसी विशेषताएँ पाई जाती हैं।

वेस्टइंडीज संघवाद

वेस्टइंडीज में संघवाद का उद्देश्य छोटे देशों की स्वायत्तता को बनाए रखते हुए एक साझा शासन व्यवस्था का निर्माण करना है। यह व्यवस्था सामूहिक निर्णय-निर्माण और साझा संसाधनों के प्रबंधन पर आधारित है।

नाइजीरिया में संघवाद

नाइजीरिया का संघीय ढांचा भारत से मिलता-जुलता है, जिसमें राज्य सरकारों को स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार प्राप्त है। यह प्रणाली नाइजीरिया के विभिन्न जातीय और सांस्कृतिक समूहों के बीच एकता बनाए रखने में सहायक है।

5. भारत की भाषायी विविधता और भाषा नीति

भारत में भाषायी विविधता अत्यधिक है, और इसके लिए भारतीय संविधान में एक समग्र भाषा नीति बनाई गई है। अनुच्छेद 343 के तहत हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया है, लेकिन अन्य भाषाओं को भी सम्मान दिया गया है। भारत में 22 अनुसूचित भाषाएं हैं, जो देश की सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती हैं।

6. भारत की अनुसूचित भाषाएं

भारत की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाओं को अनुसूचित भाषाओं के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इन भाषाओं में हिंदी, बंगाली, तमिल, मराठी, तेलुगु, उर्दू, पंजाबी और गुजराती प्रमुख हैं।

7. केंद्र राज्य संबंध और विकेंद्रीकरण

भारत में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संबंध संविधान द्वारा निर्धारित किए गए हैं। विकेंद्रीकरण की प्रक्रिया के माध्यम से राज्यों को अधिक स्वायत्तता दी जाती है, जिससे स्थानीय प्रशासन में सुधार होता है। यह प्रक्रिया राज्यों को उनके विकास कार्यों में अधिक स्वतंत्रता प्रदान करती है।

8. बिहार में पंचायती राज व्यवस्था की एक झलक

बिहार में पंचायती राज व्यवस्था त्रिस्तरीय है, जिसमें ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, और जिला परिषद शामिल हैं। यह व्यवस्था स्थानीय शासन को सशक्त बनाती है और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

8.1 बलवंत राय मेहता की भूमिका

बलवंत राय मेहता, जो कि पंचायती राज व्यवस्था के पिता माने जाते हैं, ने भारतीय पंचायत व्यवस्था को एक नया दिशा दी। उन्होंने 1957 में ‘पंचायती राज समिति’ का गठन किया और इसके द्वारा किए गए सुझावों के आधार पर भारत में पंचायती राज व्यवस्था को एक संस्थागत रूप में विकसित किया गया। बलवंत राय मेहता की सिफारिशों के अनुसार, पंचायती राज को एक त्रिस्तरीय व्यवस्था में स्थापित किया गया — ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, और जिला परिषद। उनकी सलाह पर ही 73वां संविधान संशोधन किया गया, जिससे पंचायती राज को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ।

8.2 ग्राम पंचायत

ग्राम पंचायत का प्रमुख कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों का संचालन करना है। इसमें जल आपूर्ति, स्वच्छता, शिक्षा और सड़क निर्माण जैसे कार्य शामिल होते हैं। ग्राम पंचायतों के पास अपने निर्णय लेने की स्वतंत्रता होती है, और यह स्थानीय शासन के सबसे निचले स्तर पर काम करती है। इसके आय के स्रोत में स्थानीय कर और राज्य अनुदान शामिल होते हैं।

8.3 पंचायत समिति और जिला परिषद

  • पंचायत समिति: पंचायत समिति पंचायत क्षेत्र के समग्र विकास के लिए जिम्मेदार होती है। इसमें प्रमुख कार्यों का समन्वयन, योजनाओं का संचालन, और जिला परिषद के कार्यों में मदद करना शामिल होता है।
  • जिला परिषद: जिला परिषद जिले के विकास कार्यों की जिम्मेदारी संभालती है। यह पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों के कार्यों को समन्वित करती है और जिला स्तर पर योजनाओं को लागू करती है।

9. बिहार में नगरी शासन व्यवस्था

बिहार में नगरीय शासन व्यवस्था भी ग्राम पंचायत की तरह त्रिस्तरीय है, लेकिन यह शहरी क्षेत्रों में लागू होती है। इसमें नगर पंचायत और नगर निगम शामिल हैं, जिनका कार्य शहरी प्रशासन, सार्वजनिक सेवाएं और नागरिक सुविधाओं का प्रबंधन करना है।

9.1 नगर पंचायत

नगर पंचायत का प्रमुख कार्य शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता, जल आपूर्ति, और सड़क निर्माण जैसी सुविधाएं प्रदान करना है। नगर परिषद के प्रमुख अंगों में अध्यक्ष, सदस्य और कार्यपालक समिति शामिल होती है। नगर परिषद के आय के स्रोत में स्थानीय कर, संपत्ति कर और अन्य शुल्क शामिल होते हैं।

9.2 नगर निगम

नगर निगम का कार्य शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सेवाओं का प्रबंधन करना है। नगर निगम के प्रमुख अंगों में महापौर, नगर आयुक्त और अन्य कर्मचारी शामिल होते हैं। इसके आय के प्रमुख स्रोत में संपत्ति कर, नगर कर और शुल्क शामिल होते हैं।

निष्कर्ष: भारत की सत्ता में साझेदारी की कार्य प्रणाली और संघीय व्यवस्था लोकतंत्र को मजबूत बनाने, राज्य की स्वायत्तता को सुनिश्चित करने और विकास को संतुलित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके साथ ही, पंचायत राज और नगरीय शासन व्यवस्था भी स्थानीय स्तर पर प्रशासन को बेहतर बनाने और नागरिकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।

Hello! I'm Sumit Kumar, a Class 10 student from the Bihar Board. I started this blog to share my knowledge and thoughts on education